Atala Masjid: जौनपुर की अटाला मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आया है। मस्जिद के क्षेत्राधिकार को लेकर वक्फ अटाला मस्जिद द्वारा दाखिल की गई निगरानी याचिका पर वादी स्वराज वाहिनी ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले वक्फ अटाला मस्जिद ने सिविल जज की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा था कि वादी स्वराज वाहिनी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का दावा क्षेत्राधिकार के अभाव में सही नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था और मामले में आगे की कार्रवाई के लिए तिथि नियत की थी।
कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ वक्फ अटाला मस्जिद के सचिव ने जिला जज की कोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसी याचिका पर अब वादी स्वराज वाहिनी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
अटाला मंदिर बताते हुए किया था वाद दाखिल
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता राम सिंह ने बताया कि अटाला मस्जिद को अटाला मंदिर बताते हुए स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने सिविल जज जूनियर डिवीजन के समक्ष वाद दाखिल किया था। मस्जिद का अमीन सर्वे करने के आदेश भी दिए गए थे। हालांकि, मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण अमीन टीम सर्वे नहीं कर पाई और वापस लौट आई। इसके बाद हिंदू पक्ष ने पुलिस सुरक्षा के साथ सर्वे की मांग की, जिसकी सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को होनी थी। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूजा स्थल अधिनियम का हवाला देते हुए इस मामले को स्थगित करने की अपील की। सिविल जज जूनियर डिवीजन ने सुनवाई की अगली तारीख 2 मार्च 2025 निर्धारित की है।
अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए पहले सिविल जज जूनियर डिवीजन के समक्ष अपील की थी, जिसे कोर्ट ने 22 अक्टूबर 2024 को खारिज कर दिया। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने जिला जज के समक्ष निगरानी याचिका दाखिल की। हिंदू पक्ष ने आज अपनी लिखित आपत्ति जिला जज के समक्ष प्रस्तुत कर दी। जिला जज कोर्ट ने दोनों पक्षों को 18 फरवरी 2025 को अपनी दलीलें पेश करने के लिए कहा है।
इब्राहिम शाह शर्की ने र्निमाण कराया अटाला मस्जिद का निर्माण
सन् 1408 ईस्वी में इब्राहिम शाह शर्की ने अटाला मस्जिद का निर्माण करवाया था, जिसे जौनपुर की अन्य मस्जिदों के निर्माण के लिए आदर्श माना जाने लगा। इस मस्जिद में कलात्मक दीवारों से घेरकर सुंदर गैलरियां बनाई गई हैं। इसकी ऊंचाई 100 फीट से अधिक है। प्रवेश के लिए तीन विशाल द्वार हैं। मस्जिद की कुल परिधि 248 फीट है। इसका निर्माण कार्य सन् 1393 ईस्वी में फिरोज शाह द्वारा आरंभ किया गया था।