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Farrukhabad: कुबेरपुर में दरगाह पर सालाना उर्स में अजमेरी ब्रदर्स ने मचाई धूम, कव्वाली सुनकर लोगों ने की नोटों की बरसात

Farrukhabad: कायमगंज के कुबेरपुर (Kuberpur) गांव में फ़तेह मोहम्मद खां उर्फ़ डब्बा मियां रहमतुल्लाह अलैह (Fateh Mohammad Khan Urf Dabba Miyan) का सालाना उर्स धूमधाम से मनाया गया। इस एक दिवसीय सालाना उर्स में महफिल ए कव्वाली में राजस्थान के जयपुर (Jaipur) से आए मशहूर कव्वाल अजमेरी ब्रदर्स (Ajmeri Brothers) यानी फैजान अजमेरी (Faizan Ajmeri) और फ़राज़ अजमेरी (Faraz Ajmeri) की जुगलबंदी ने महफ़िल को लूट लिया।

वहीं, लखनऊ (Lucknow) की चाहत वारसी (Chahat Warsi) और शमसाबाद (Shamshabad) की नियाजी बंधू (Niyazi Bandhu) यानी मतलूब नियाजी (Matloob Niyazi) और मंसूर नियाजी (Mansoor Niyazi) की जोड़ी ने भी एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए।

फ़तेह मोहम्मद खां उर्फ़ डब्बा मियां रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स में चार नवंबर को महफिल-ए-मीलाद की मजलिस हुई। वहीं, पांच नवंबर की शाम गागर शरीफ उठाई गई और इसके बाद महफिल-ए-कब्वाली हुई। इस मौके पर लोगों ने दिल खोल कर नजराने पेश किये पूरी रात कब्वाली का सिलसिला चलता रहा।

लोगों ने राजस्थान के जयपुर से आए मशहूर कव्वाल अजमेरी ब्रदर्स यानी फैजान अजमेरी और फ़राज़ अजमेरी की जुगलबंदी को खूब पसंद किया और लोगों की फरमाइश पर कई ग़ज़लें और कव्वालियाँ पेश की। इसके साथ ही लखनऊ की चाहत वारसी और शमसाबाद की नियाजी बंधू यानी मतलूब नियाजी और मंसूर नियाजी की कव्वाली को भी लोगों ने खूब सराहा।

महफिल-ए-कब्वाली का सिलसिला सुबह साढ़े चार बजे तक चला। इसके बाद सुबह कुल की फातिहा के साथ तबर्रुक तकसीम किया गया। उर्स के आयोजन में यासीन खां, गुड्डू खां, आफ़ताब खां, नजम खां, माबूद खां, अली यासर खां, बाबू खां आदि का विशेष योगदान रहा।

सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है यह सालाना उर्स

कुबेरपुर में आयोजित सालाना उर्स इस क्षेत्र (Kaimganj) की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बार के उर्स में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें से कई दूर-दूर से आए थे। अजमेरी ब्रदर्स की कव्वाली ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, खासकर जब उन्होंने सूफी संतों के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित कव्वालियां प्रस्तुत कीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह उर्स न केवल उनकी आस्था का केंद्र है बल्कि एक सामाजिक समागम भी है जो उन्हें एकजुट करता है।

उर्स में आयोजित महफिल-ए-कव्वाली की वीडियो यहाँ देखें

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