Farrukhabad News: कला, संस्कृति, इतिहास, पर्यटन, पर्यावरण आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर ‘समवेत’ पहल शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य फर्रूखाबाद की अनूठी कला, संस्कृति और इतिहास को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाना है। साहित्यिक संस्था अभिव्यंजना के समन्वयक भूपेंद्र प्रताप सिंह ने सभी को ‘समवेत’ करने का बीड़ा उठाया है।
रविवार को डॉ. रजनी सरीन के आवास पर आयोजित एक बैठक में विभिन्न विचारों पर चर्चा की गई और संभावित गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की गई। इन गतिविधियों में कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन, कॉफ़ी टेबल बुक, डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स, साहित्यिक सम्मेलनों और पुस्तक मेले का आयोजन, ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और जीर्णोद्धार, पर्यटन स्थलों का विकास और प्रचार, शैक्षिक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन शामिल हैं।
बैठक में पर्यावरणविद् डॉ. गुंजा जैन ने जिले में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए विचार रखे। उन्होंने अपनी शोध प्रस्तुत करने के लिए पीपीटी का भी उपयोग किया।
वैभव राठौर ने सुझाव दिया कि ‘समवेत’ पहल के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्मों, अपशिष्ट प्रबंधन अभियानों और अन्य जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जा सकता है।
ज्ञानफोर्ड इनोवेटिव स्कूल के डायरेक्टर विमल राठौर ने शैक्षिक रूप से जिले के लिए कुछ नया करने का प्लान प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में जिले के लिए कुछ न कुछ करने का जज्बा है जिसको ‘समवेत’ के माध्यम से दिशा मिलेगी।
वैभव सोमवंशी ने कहा कि अपने जिले की प्रतिभाओ को खोजना और अपने जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में उनको स्थान और सम्मान देना चाहिए। इस दौरन उन्होंने अपनी काव्य रचनाएं भी प्रस्तुत की।
मोहम्मद आकिब ने फर्रूखाबाद जिले में इंटेक का एक चैप्टर स्थापित करने, स्कूलों में पर्यटन और विरासत क्लब स्थापित करने तथा फर्रूखाबाद जिले की धरोहरों का एक व्यापक सूचीकरण करने का प्लान साझा किया।
आकाश दुबे ने जिले की आधाकारिक वेबसाइट पर नवीन अपडेट किये जाने, गंगा घाटों को एक्स्प्लोर करने, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पर्यटन केन्द्रों का प्रचार-प्रसार, ब्लॉक प्रिंटिंग, ज़रदोज़ी, दालमोठ, आलू, आम, कपूरकंद आदि जिले के प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग करने का प्लान प्रस्तुत किया।
फोटो जर्नलिस्ट रवीन्द्र भदौरिया ने सरकारी तंत्र और सरकारी धन के सदुपयोग करने पर अपने विचार प्रस्तुत किया उन्होंने कहा ये सभी जनपदवासियों की जिम्मेदारी है कि कोई योजना या काम हो तो उसकी गुणवत्ता पर जरुर ध्यान देना चाहिए।
इस दौरान अवनींद्र कुमार ने खेलकूद अभियानों के लिए विचार प्रस्तुत प्रस्तुत किये, प्रोफेशनल फोटोग्राफर शांतनु कटियार ने अपने हुनर के माध्यम से सभी अभियानों में योगदान देने का वादा किया। बाँसुरी वादक रुद्राक्ष पाठक ने जिले की संगीत कला को प्रोत्साहित करना का प्लान साझा किया, राना हिजाब और दिव्या ने नाटक तथा थिएटर अकादमी बनाने के लिए विचार प्रस्तुत किये।
इसके अलावा सत्यनारायण सिंह, अखिलेन्द्र प्रताप सिंह, भारत सिंह, दुष्यंत सिंह, अजय प्रताप सिंह, अदुवित अग्निहोत्री, स्मृति अग्निहोत्री आदि ने भी विचार प्रस्तुत किये।
साहित्यिक संस्था अभिव्यंजना के समन्वयक भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ‘समवेत’ पहल का उद्देश्य फर्रूखाबाद की अनूठी कला, संस्कृति और इतिहास को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाना है। यह पहल स्थानीय लोगों को अपनी विरासत के बारे में जागरूक करने और उन्हें इसे संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करेगी।
डॉ. रजनी सरीन ने प्रशासन और सरकार के साथ विकास कार्य करने के लिए नागरिको के दायित्व और कर्तव्य का पालन करने के लिए आह्वान किया। इसके साथ ही बैठक में उठाये गये सभी प्लान और एजेंडे पर तन-मन-धन से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। अनिल प्रताप सिंह राठौर ने सभी का आभार व्यक्त किया।
समवेत पहल का मुख्य उद्देश्य
फर्रूखाबाद की कला, संस्कृति और इतिहास को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाना तथा स्थानीय लोगों को अपनी विरासत के बारे जानकारी प्रदान करना है।
समवेत पहल के मुख्य बिंदु
- कला और संस्कृति: कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन, कॉफी टेबल बुक, डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स, साहित्यिक सम्मेलनों और पुस्तक मेले का आयोजन।
- इतिहास और पर्यटन: ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और जीर्णोद्धार, पर्यटन स्थलों का विकास और प्रचार।
- शिक्षा और जागरूकता: शैक्षिक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन। पर्यावरण: पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के लिए विचार-विमर्श।
- सांस्कृतिक धरोहरें: बाबा नीम करौली धाम, संकिसा, कम्पिल, श्रृंगीरामपुर, शेखपुर आदि स्थलों का संरक्षण और विकास। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और वृक्षारोपण।
- पर्यावरण, रोजगार और कृषि: जल, ऊर्जा, वायु, जैवकीय उत्पाद, लघु और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देना। जिले में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना।
अन्य प्रस्तावित गतिविधियाँ
- डॉक्यूमेंट्री फिल्में, अपशिष्ट प्रबंधन अभियान और अन्य जागरूकता अभियान आयोजित करना।
- जिले की आधिकारिक वेबसाइट को अपडेट करना।
- गंगा घाटों को एक्सप्लोर करना।
- रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पर्यटन केंद्रों का प्रचार-प्रसार करना।
- ब्लॉक प्रिंटिंग, ज़रदोज़ी, दालमोठ, आलू, आम, कपूरकंद आदि जिले के उत्पादों की ब्रांडिंग करना।
- खेलकूद अभियानों के लिए विचार प्रस्तुत करना।
- संगीत कला को प्रोत्साहित करना।
- नाटक और थिएटर अकादमी स्थापित करना।