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World Bank Land Conference: विश्व बैंक सम्मेलन में भारत ने समावेशी भूमि शासन में दिखाई वैश्विक अगुवाई

भारत ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित प्रतिष्ठित विश्व बैंक भूमि सम्मेलन 2025 (World Bank Land Conference 2025) में सक्रिय रूप से भाग लेकर वैश्विक समावेशी भूमि शासन और जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती से दर्शाया। 6 मई, 2025 को आयोजित एक महत्वपूर्ण पूर्व सत्र में, भारत ने ‘कंट्री चैंपियन’ के रूप में शिरकत की।

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने ‘भूमि स्वामित्व और शासन सुधार में अच्छी प्रथाएं और चुनौतियां’ विषय पर आयोजित उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए भूमि अधिकार, स्वामित्व सुधार और प्रौद्योगिकी आधारित स्थानिक योजना के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को रेखांकित किया।

श्री भारद्वाज ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना – ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रौद्योगिकी से सर्वेक्षण और मानचित्रण – का उल्लेख किया, जो ग्रामीण भूमि शासन में एक क्रांतिकारी पहल साबित हुई है। उन्होंने इस योजना के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें राज्यों का सक्रिय सहयोग, राज्य कानूनों और सर्वेक्षण नियमों में संशोधन, और ड्रोन-आधारित सटीक मानचित्रण के लिए निरंतर संचालन संदर्भ स्टेशनों (CORS) जैसी आधुनिक तकनीकी अवसंरचना की स्थापना शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार भारत के संघीय ढांचे में राष्ट्रीय स्तर पर सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए रणनीतिक सहयोग, समन्वय और सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है।

अपने संबोधन के दौरान, श्री भारद्वाज ने पेरू के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हर्नांडो डी सोटो के महत्वपूर्ण कथन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने अनौपचारिक भूमि स्वामित्व में छिपी अपार आर्थिक संभावनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने गर्व से बताया कि स्वामित्व योजना के तहत अब तक 68,000 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण भूमि का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिससे लगभग 1.16 ट्रिलियन डॉलर की संपत्तियां सृजित हुई हैं। इस पहल ने लाखों ग्रामीण परिवारों को वैध स्वामित्व, सम्मान, ऋण और नए अवसरों तक पहुंच प्रदान की है। उन्होंने मध्य प्रदेश की एक डेयरी किसान और राजस्थान की एक गृहिणी की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं, जिन्होंने भूमि स्वामित्व के माध्यम से अपने जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए – जैसे व्यवसाय का विस्तार करना और बेटी की विदेश शिक्षा का खर्च वहन करना।

‘एक अरब लोगों के लिए भूमि अधिकारों की सुरक्षा’ पर भारत का विशेष सत्र

7 मई, 2025 को आयोजित होने वाला विशेष कार्यक्रम, जिसका शीर्षक “एक अरब लोगों के लिए भूमि अधिकारों की सुरक्षा” है, भारत के समावेशी और प्रौद्योगिकी-संचालित भूमि प्रशासन के मॉडल को और विस्तार देगा। पंचायती राज मंत्रालय के नेतृत्व में होने वाले इस सत्र की शुरुआत विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. क्लॉस डब्ल्यू. डीनिंगर के स्वागत भाषण और उद्घाटन टिप्पणी से होगी, जिसके बाद विश्व बैंक के डीईसीवीपी के वरिष्ठ सलाहकार श्री सोमिक वी. लाल द्वारा परिचय दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वामित्व योजना के डिजाइन, प्रभाव और इसे व्यापक स्तर पर लागू करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा, जिसकी प्रस्तुति श्री विवेक भारद्वाज द्वारा दी जाएगी। इसके बाद एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया जाएगा, जो ग्रामीण भूमि शासन के लिए भारत के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण में बढ़ती वैश्विक रुचि को दर्शाता है।

वैश्विक सहयोग और ग्राम मानचित्र पर केंद्रित चर्चा

इस कार्यक्रम में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (LAC), मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात कार्यकारी निदेशकों के सलाहकार और वरिष्ठ सलाहकार सहित विश्व बैंक भूमि सम्मेलन 2025 के सभी प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो अंतर-क्षेत्रीय संवाद और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। यह कार्यक्रम उन देशों के साथ स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन की पद्धति और इसके उल्लेखनीय लाभों पर चर्चा करने के लिए एक केंद्रित अवसर प्रदान करेगा जो समान भूमि प्रशासन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सहयोग के नए रास्ते तलाशना है, ताकि पंचायती राज मंत्रालय इन देशों के साथ मिलकर स्वामित्व जैसे सफल मॉडल को अपनाने और अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करने में सहयोग कर सके।

8 मई, 2025 को ‘ग्राम मानचित्र’ पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो भारत का उन्नत जीआईएस-आधारित स्थानिक नियोजन मंच है। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर यह प्रदर्शित करेंगे कि यह मंच किस प्रकार पंचायत स्तर पर स्थानिक रूप से सूचित निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुगम बना रहा है, साथ ही टिकाऊ, रेजिलिएंट और आत्मनिर्भर गांवों को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर के शासन के साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के एकीकरण को भी प्रस्तुत करेंगे।

समावेशी भूमि शासन का वैश्विक आदर्श और प्रेरणा स्रोत

इन महत्वपूर्ण सत्रों में भारत की सक्रिय भागीदारी का उद्देश्य न केवल सहभागी और प्रौद्योगिकी-सक्षम भूमि शासन के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना है, बल्कि सतत विकास लक्ष्य (SDG) 1.4.2 को प्राप्त करने के प्रयासों में जुटे अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणादायक आह्वान है। इस लक्ष्य का उद्देश्य सभी के लिए, विशेष रूप से कमजोर समुदायों के लिए भूमि पर कानूनी स्वामित्व और नियंत्रण सुनिश्चित करना है। विश्व बैंक भूमि सम्मेलन 2025 में अपनी प्रभावी उपस्थिति के माध्यम से, भारत ने भूमि स्वामित्व सुधारों, ग्रामीण विकास और समावेशी शासन के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है, यह प्रदर्शित करते हुए कि डेटा-आधारित और जन-केंद्रित दृष्टिकोण सदियों पुरानी भूमि असुरक्षा को दूर कर कानूनी पहचान, गरिमा और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।

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