मोहम्मद आकिब खांन, फर्रुखाबाद / नई दिल्ली: National Archives of India फर्रुखाबाद के प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, लेखक, इतिहासविद् यशभारती डॉ. रामकृष्ण राजपूत (Dr. Ram Krishna Rajput) ने अपने पांच दशकों से संग्रहीत हजारों दुर्लभ अभिलेखीय सम्पदा को राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) को समर्पित कर दिया है। नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में, डॉ. राजपूत ने औपचारिक रूप से अपना संग्रह राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दिया है। राष्ट्रीय अभिलेखागार ने इस संग्रह को “डॉ. रामकृष्ण राजपूत संग्रह” (Dr. Ram Krishna Rajput Collection) नाम से सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है।
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार में 17 दिसंबर, 2024 को आयोजित एक समारोह में डॉ. रामकृष्ण राजपूत ने अपने परिवार के साथ अपने वृत्तचित्र संग्रह को राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक अरुण सिंघल (Shri Arun Singhal, IAS) को सौंपने के लिये आधिकारिक रूप से एक समझौता पर हस्ताक्षर किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अभिलेखागार ने डॉ. राजपूत और उनकी पत्नी एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत (Urmila Rajput, Ex. MLA) को पारंपरिक रूप से सम्मानित किया।
इस अमूल्य संग्रह में प्राचीन पांडुलिपियां, दुर्लभ पुस्तकें, हस्तलिखित नक्शे और हजारों कपड़ा डिजाइन शामिल हैं। 80 वर्षीय डॉ. राजपूत ने हिंदी, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने इतिहास, पुरातत्व, साहित्य और पत्रकारिता जैसे विभिन्न विषयों पर 60 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उन्हें उनके योगदान के लिए कई सम्मान भी मिल चुके हैं।
कार्यक्रम में यह लोग रहे मौजूद
राष्ट्रीय अभिलेखागार में आयोजित इस समारोह में अभिलेखागार के उप निदेशक डॉ. संजय गर्ग (Dr. Sanjay Garg), सहायक निदेशक डॉ. सुमिता दास मजूमदार (Dr. Sumita Das Majumder), अमूर्त सांस्कृतिक विरासत, इंटेक के वरिष्ठ शोध सहयोगी हरीश बेंजवाल (Harish Benjwal), राष्ट्रीय अभिलेखागार के पूर्व सहायक निदेशक राजमणि श्रीवास्तव (Rajmani Srivastava), द्रौपदी ड्रीम ट्रस्ट की संस्थापक नीरा मिश्रा (Neera Misra), रजनीकांत शुक्ल (Rajnikant Shukla), केशवभान साध आदि लोग मौजूद रहे।
अभिलेख पटल पर देखने को मिलेगा यह दुर्लभ संग्रह
राष्ट्रीय अभिलेखागार इस संग्रह का अभिलेखीय संरक्षण एवं डिजिटलीकरण करेगा और जल्द ही अपने ऑनलाइन पोर्टल, अभिलेख पटल (https://www.abilekh-patal.in/jspui/) पर शोधकर्ताओं एवं आम लोगों को देखने के लिए उपलब्ध कराएगा।
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने संग्रह का अगस्त में किया था अवलोकन
आपको बता दें कि संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध राष्ट्रीय अभिलेखागार और राष्ट्रीय संग्रहालय के अधिकारियों ने अगस्त-2024 में भूपेन्द्र प्रताप सिंह के अनुरोध पर फर्रुखाबाद आकर डॉ. रामकृष्ण राजपूत के इस विशाल संग्रह का अवलोकन किया था। इसके बाद डॉ. राजपूत से दुर्लभ पुस्तकों को दान करने के लिए आमंत्रित किया और उन्होंने स्वीकार करते हुए निशुल्क दान करने का फैसला किया।