फर्रुखाबाद: डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान (ITHM) के निदेशक और प्रोफेसर डॉ. लवकुश मिश्रा (Prof. Lavkush Mishra) तीसरी बार फर्रुखाबाद की सरज़मीं पर लोगो को संबोधित कर पर्यटन और संस्कृति के विकास के लिए नए अनुभवों को साझा करेंगे।

दरअसल फर्रुखाबाद में गंगा तट लगने वाले मेला रामनगरिया में पांचाल शोध एवं विकास समिति द्वारा 17 फरवरी 2024 को पांचाल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ (प्रो.) लवकुश मिश्र बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे।

आइए जानते हैं डॉ. लवकुश मिश्र के बारे में

प्रयागराज के संभ्रांत परिवार में जन्मे डॉ. (प्रो.) लवकुश मिश्र पिछले कई वर्षो से डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान, आगरा (Institute of Tourism & Hotel Management – ITHM, Agra) में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। पर्यटन और इतिहास के विद्वान प्रो. मिश्र करीब शैक्षिक भ्रमण कर चुके हैं। इसके अलावा 15 पुस्तकें एवं 50 से अधिक रिसर्च पेपर्स व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही 15 से अधिक शोधार्थियों के गाइड भी रहे हैं।

डॉ. (प्रो.) लवकुश मिश्र को मॉरीशस सरकार ने कर्मयोगी सम्मान से भी नवाज़ा गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश आईकॉन सम्मान, सामाजिक लेखन के लिए बंगाल के गवर्नर, स्वदेशी जागरण सम्मान, आगरा रत्न सम्मान से भी अलंकृत हैं। इसके साथ ही वाशिंगटन डी. सी. के हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर ग्लोबल बिजनेस स्टडी में सलाहकार हैं।

प्रो. मिश्र निरंतर भारतीय संस्कृति एवं पर्यटन की अभिवृद्धि के लिए प्रयत्नशील हैं। यही वजह है कि वह एक बार फिर फर्रुखाबाद की सरजमी पर उपस्थित रहेंगे और फर्रुखाबाद के पर्यटन विकास में नई राह दिखाने का काम करेंगे।

पांचाल सम्मेलन में पूर्व आईपीएस शैलेंद्र प्रताप सिंह होंगे मुख्य अतिथि

मेला रामनगरिया में पांचाल शोध एवं विकास समिति द्वारा 17 फ़रवरी को आयोजित होने वाले पांचाल सम्मेलन में बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार एवं इतिहासविद शैलेंद्र प्रताप सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

रायबरेली के संभ्रांत परिवार में जन्मे श्री सिंह ने वर्ष 1974 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में भी चयनित हुए।

विभिन्न जनपदों में पुलिस सेवा में दायित्व निभाते हुए वर्ष 2013 में पुलिस महानिरीक्षक के पद से अवकाश प्राप्त हैं। गौतम बुद्ध के जीवन पर तीन पुस्तकों के अतिरिक्त बैसवाड़ा के इतिहास एवं वैभव, काव्य, शायरी और यात्रा संस्मरण सहित 11 पुस्तकें प्रकाशित जो सर्वत्र सराही गईं। बोधगया विश्वविद्यालय द्वारा ‘बुद्धचर्य सम्मान’ और उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान’ के साथ ही महामहिम राष्ट्रपति द्वारा ‘सराहनीय एवं दीर्घ सेवा सम्मान’ से विभूषित किए गए जा चुके हैं।