Revamp India Foundation: फर्रुखाबाद जनपद में आम के पेड़ों पर मंडरा रहे खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। नंदसा खिमसेपुर के निवासी और रिवैम्प इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक वैभव सिंह राठौर ने आज फर्रुखाबाद के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) से मुलाकात कर इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने एक पत्र सौंपकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से आम के पेड़ों में फैल रही रहस्यमयी बीमारी की वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की है।
श्री राठौर ने अपने पत्र में बताया कि फर्रुखाबाद के कमालगंज, कायमगंज और आसपास के क्षेत्रों में आम के बागों में पेड़ धीरे-धीरे सूखते जा रहे हैं। यह स्थिति किसानों और बागवानों के लिए एक बड़ा संकट बन गई है, क्योंकि आम इस क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
इस पहल पर बात करते हुए श्री राठौर ने कहा, “फर्रुखाबाद में आम केवल एक फसल नहीं, बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पेड़ों का बिना किसी स्पष्ट कारण के मरना बेहद चिंता का विषय है। हमें यह जानने की आवश्यकता है कि यह समस्या मिट्टी से जुड़ी है, जलवायु परिवर्तन से, कीटों से, या किसी फफूंद जनित बीमारी से। इस रहस्य को सुलझाने के लिए ICAR जैसी वैज्ञानिक संस्था की तत्काल मदद आवश्यक है।”
रिवैम्प इंडिया फाउंडेशन, जिसका नेतृत्व श्री राठौर कर रहे हैं, ग्रामीण विकास और किसानों के हितों के लिए लगातार काम कर रहा है। यह संस्था पर्यावरण संरक्षण और कृषि आधारित स्थायी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाती है।
मुख्य विकास अधिकारी ने श्री राठौर को आश्वासन दिया है कि इस पत्र को संबंधित विभागों को भेज दिया जाएगा और ICAR की टीम को जल्द ही आम के बागों का दौरा कराने का प्रयास किया जाएगा। यह कदम आम उत्पादकों को समाधान प्रदान करने और फर्रुखाबाद की पारंपरिक फसल को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।