फर्रुखाबाद: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) के संस्थापक सर सैयद अहमद खां (Sir Syed Ahmad Khan) के 206वें जन्मदिवस (206th Birth Anniversary) के उपलक्ष्य में एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन फर्रुखाबाद और कन्नौज ( AMU Old Boys’ Association Farrukhabad and Kannauj) की ओर से क़स्बा शमसाबाद के एक गेस्ट हाउस में सर सैयद डे (Sir Syed Day) मनाया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एएमयू के पूर्व छात्र एवं फर्रुखाबाद के पूर्व सांसद चंद्रभूषण सिंह उर्फ़ मुन्नू बाबू (Chandra Bhushan Singh alias Munnoo Babu) रहे। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपजिलाधिकारी कायमगंज यदुवंश कुमार वर्मा (Yaduvansh Kumar Verma), एएमयू के पूर्व छात्र व अपर जिला न्यायाधीश सुमित प्रेमी (Sumit Premi), पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी (Tehsin Siddiqui), पूर्व विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी (Jamaluddin Siddiqui) रहे। कार्यक्रम का आगाज मौलाना हशमतउल्लाह साहब ने तिलावते कुरान पाक के साथ किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में मौजूद एएमयू के सभी पूर्व छात्रों ने अपना-अपना परिचय दिया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि चंद्रभूषण सिंह उर्फ़ मुन्नू बाबू ने हिंदुस्तान की एकता और अखंडता पर बल दिया। उन्होंने कहा मदन मोहन मालवीय और सर सैयद अहमद खां हिंदुस्तान की ये दो ऐसी शक्सियत थीं जिन्होंने शुरुआती दौर में शिक्षा के लिए कार्य किया। दोनों महापुरुष आपस में मित्र थे और उन्होंने कौम के लिए नहीं बल्कि हिंदुस्तान के लिए कार्य किया। दोनों एक जैसी सोंच रखते थे लेकिन आज हिंदुस्तान की हवा में नफरत की आग झोंकी जा रही है। उन्होंने सभी से एकजुट रहने का आग्रह किया।
एएमयू के पूर्व छात्र और फर्रुखाबाद के अपर जिला न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने अपने दौर की एएमयू से जुड़ी यादों को साझा किया। उन्होंने कहा एएमयू वो जगह है जो कहते हैं वहां जीते हैं। अगर धर्मनिरपेक्षता की जिंदा मिसाल देखना है तो एएमयू जाकर देख सकते हैं।
एएमयू की इमारतों में हैं 22 तरह के मेहराब
एएमयू के पूर्व छात्र दाऊद सलीम ने सर सैयद अहमद खां द्वारा मेडिवल इंडिया की इमारतों पर की गई रिसर्च के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर सैयद अहमद खां ने एएमयू की इमारतों का डिजाईन खुद तैयार किया था। उस दौर की बनी सभी बिल्डिंग्स पर एएमयू की हेरिटेज सेल ने रिसर्च की तो महान वास्तुविद् सर बैनिस्टर फ्लेचर द्वारा बताए गए दुनिया में 35 तरह के मेहराब में से 22 तरह के मेहराब एएमयू की बिल्डिंग्स में पाए गए।
उपजिलाधिकारी कायमगंज यदुवंश कुमार वर्मा ने कहा सर सैयद अहमद खां ने आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी काम करने के साथ ही लोगों की सोंच को बदलने का काम किया। इसके साथ ही उन्होंने सर सैयद डे मनाने और इस कार्यक्रम में परिचय देने की परंपरा को सराहा।
हिंदुस्तान की दो खूबसूरत आँखें हैं हिन्दू और मुसलमान
फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व एएमयू के पूर्व छात्र तहसीन सिद्दीकी ने कहा कि सर सैयद अहमद खां ने कभी हिंदू और मुसलमान में फर्क नहीं किया। वह कहते थे कि हिंदुस्तान एक खूबसूरत दुल्हन है, हिन्दू और मुसलमान इसकी दो खूबसूरत आँखें हैं, इनमें से एक भी खो गई तो ये खूबसूरत दुल्हन बदसूरत हो जाएगी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष व नगर पंचायत शमसाबाद के पूर्व चेयरमैन नदीम फारुकी ने कहा कि यह कार्यक्रम अलीग को एक दूसरे को जोड़ने का कार्यक्रम है और हर साल होना जरूरी है।
एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन फर्रुखाबाद और कन्नौज के संरक्षक डॉ. अनवार अहमद खां ने कहा सर सैयद अहमद खां साहब राष्ट्रभावना पर बल देते थे उनका कहना था कि देश से बाहर हमारी पहचान हिन्दू या मुसलमान से नहीं बल्कि हिन्दुस्तानी के रूप में होती है।
इस दौरान सिराजुल आफाक उर्फ़ मुन्ना, पियूष त्रिपाठी आदि ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहम्मद नाज़िर खां ने किया। वहीं कार्यक्रम का समापन एएमयू तराना और राष्ट्रगान के साथ किया गया।
इस मौके पर लईक़ मोहम्मद खां, असद अहमद खां, डॉ. मोहम्मद मोहसिन, डॉ. मतलूब खां, सलीम खां, सुहैल खां, ओबैद शाह, अदील खां (पूर्व प्रधान), मोहम्मद फायज़ खांन, हिलाल खां, डॉ. अहबाब खां, जीशान खां, अदनान खां, जमाल अख्तर अंसारी, शबाब खां आदि मौजूद रहे।